डॉ आकांक्षा जायसवाल
वैसे तो जेम्स मैरियन सिम्स के अफ्रीकी औरतों पर किये निर्दयी और भयानक प्रयोग अपने आप में एक विषय है, महिलाओं का स्वास्थय श्रेत्र के नेतृत्व में कम प्रतिनिध्व होना सोचने की बात है। इस स्थिति में 21वी में कम ही सुधार हुआ है – देखा जाए तो स्वास्थय प्रणालीयों में ज्यादातर महिला कर्मचारी होने के बावजूद उनका नेतृत्व कम है।
Gender & Health System Leadership: Increasing Women’s Representation at the Top
इस बात का प्रभाव सिर्फ आॅंकड़ों में ही नही ,स्वास्थय नीतियों में भी दिखाई देता है। जैसे की मासिक धर्म के पैड के से जुड़ी बेहतर नीतियों का अभाव : http://economictimes.indiatimes.com/small-biz/startups/why-the-debate-on-menstrual-health-in-india-needs-to-go-beyond-the-pad-tax/articleshow/59612542.cms
यही नही , इस स्थिति का प्रभाव उन प्रेणना स्त्रोतों पर भी पड़ता है, जो आने वाली महिला चिकित्सकों की पीढ़ीयों के लिये जरूरी हैं।